मंदिर का इतिहास
माँ दुर्गा का यह मंदिर अलवर जिले के समीप चिकानी नामक गाँव में स्थित है। जो की अलवर शहर से करीब 16 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। यह मंदिर सरकारी स्कूल के पीछे चिकानी में स्थित है।
कहा जाता है की इस मंदिर का स्थान 50 वर्ष से भी अधिक पुराना है किन्तु इस स्थान की ही पूजा की जाती थी यहाँ किसी प्रकार की कोई मूर्ति स्थापित नहीं थी। किन्तु फिर भी लोग इस स्थान को पथवारी माता के नाम से पूजते थे।
ऐसी परंपरा है की जब तक इस मंदिर को नहीं पूजा जाता तब तक किसी भी तीर्थ यात्रा सफल नहीं मानी जाती है क्युकी माँ दुर्गा का पथवारी माँ को वरदान था।
28 सितम्बर 2019 को एक चिकानी के युवाओ द्वारा इस मंदिर के स्थान पर एक जागरण किया गया उस समय यहाँ किसी प्रकार की कोई मूर्ति स्थापित नहीं थी किन्तु युवाओ में लग्न थी। इसी जागरण में इस मंदिर के निर्माण हेतु लाखो रुपए का चंदा इकठ्ठा हो गया। सभी हैरान थे आखिर इतना चंदा कैसे आ सकता किन्तु यह सत्य था।
इसके तुरंत बाद युवाओ ने किसी प्रकार की देर किये बिना 22 अक्टूबर को इस मंदिर का निर्माण शुरू कर कर दिया और यह निर्माण जनवरी 2020 तक पूर्ण रूप से समाप्त हो चूका था।
इसके तुरंत बाद रुपयों की कमी होने के कारन पुनः चंदा इकठ्ठा किया गया और फिर लाखो इकट्ठे हुए जिसके बाद भव्य मुर्तिया स्थापित की गई।
दिनांक 17 फ़रवरी २०२० को इस मंदिर का कलश यात्रा निकल कर तथा जागरण और भंडारा कर माता दुर्गा की मूर्ति स्थापना की गई तथा पथवारी माता की चरण पादुका स्थापित की गई।
इस मंदिर निर्माण कमेठी के अध्यक्ष के रूप में श्री अनीश राज प्रजापत थे इनके सहयोगी टीम मनोज कुमार , अमित प्रजापत , भगवन दास , पप्पू प्रजापत , बबली प्रजापत ने अपना अपार सहयोग देकर इस मंदिर निर्माण को सफल बनाया।